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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ब्रज प्रांत के प्रांतीय मंत्री बलदेव चौधरी सीटू ने की पत्रकार वार्ता

 

 

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में वैश्विक महामारी कोरोना कॉविड 19 ने संपूर्ण विश्व को अपने गर्त में लिया है इससे विश्व की अर्थव्यवस्था, सामान्य जनजीवन के साथ-साथ समाज के सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है| इस महामारी ने शिक्षा को भी पूर्ण रूप से प्रभावित किया है साथ ही विद्यार्थियों का भविष्य विशेष रूप से प्रभावित हुआ है भारत में जब कोरोनावायरस ने अपनी रफ़्तार पकड़ी तो शिक्षा की दृष्टि से वह समय छात्रों के वर्ष भर की गई मेहनत को परखने का समय था लेकिन इस महामारी के कारण विद्यार्थियों की परीक्षा संभव नहीं हो सकी है एवं असमंजस की स्थिति बनी हुई है इस कारण छात्र मानसिक दबाव व कई कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं | उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा अगर गौर करें तो प्रदेश में 6 केंद्रीय, 31 राज्य, 8 डीम्ड 29 निजी विश्वविद्यालय मिलाकर कुल 74 विश्वविद्यालय हैं जिनमें से कुछ विश्वविद्यालय वार्षिक परीक्षा और कुछ विश्वविद्यालय सेमेस्टर के आधार पर परीक्षा को संपादित करवाते हैं वार्षिक परीक्षा करवाने वाले विश्वविद्यालय में लॉक डाउन की घोषणा के समय परीक्षा चल रही थी जो अभी तक बाधित है और सेमेस्टर आधारित परीक्षाएं करवाने वाले विश्वविद्यालय अपनी तैयारी कर रहे थे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का मत है कि वैश्विक महामारी कोरोनावायरस जब तक जन-जीवन सामान्य नहीं हो जाता अथवा इस महामारी का कोई हल नहीं निकलता है तब तक परीक्षाएं नहीं कराई जानी चाहिए अगले सत्र में टाइम मैनेजमेंट करके अनियमित सत्र को नियमित किया जाए ऐसा पूर्व में भी कई संस्थानों के द्वारा किया जा चुका है इन परिस्थितियों को मैं सभी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए प्रति वर्ष की भांति परंपरागत परीक्षा प्रणाली के स्थान पर विद्यार्थियों की सुविधा अनुसार विभिन्न विकल्पों को चुनने की सुविधा प्रदान की जाए यह निम्नलिखित विकल्प हम आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहे हैं-

1. विद्यार्थियों को ऑनलाइन परीक्षा की सुविधा दी जाए तो पारंपरिक ऑनलाइन परीक्षा के बजाय किसी ऐप के द्वारा या विद्यार्थियों के मोबाइल पर बहुविकल्पीय परीक्षा के माध्यम से करवाई जा सकती है इस परीक्षा को कम प्रश्न और कम समय के आधार पर संपादित कराया
2. छात्रों से असाइनमेंट बनवाकर उनको मेल या व्हाट्सएप, गूगल फॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन ही मूल्यांकन किया जाए
3. उत्तर प्रदेश के जन विश्वविद्यालय में वार्षिक परीक्षा करवाई जाती है उनमें अभी तक 40 से 70% परीक्षाएं संपन्न हो चुकी है परीक्षा दे चुके विद्यार्थी के पेपर का मूल्यांकन करने के बाद उन्हीं के आधार पर औसत निकालकर परीक्षाफल बनाया जाए
4. प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्रों को स्पेशल कैरी ओवर की सुविधा प्रदान की जाए| इस सुविधा का उपयोग छात्रों को उनकी डिग्री पूरी होने तक करने दिया जाना चाहिए
5. विद्यार्थियों से ऑनलाइन वायवा भी लिया जा सकता है जिन क्षेत्रों में नेटवर्क की सुविधा सुचारू रूप से है वहां वीडियो अन्यथा टेलिफोनिक इंटरव्यू भी किया जा सकता है
6. परीक्षाफल में सेसनल और इंटरनल परीक्षा के अंकों को आधार माना जा सकता है
7. परंपरागत परीक्षा प्रणाली में एक विषय के कई पेपर विश्वविद्यालयों के द्वारा कराए जाते हैं लेकिन विशेष परिस्थिति को देखते हुए “एक विषय-एक पेपर” की प्रणाली को अपनाया जा सकता है
8. इस महामारी से लोगों के व्यवसाय, रोजगार प्रभावित हुए हैं, जिससे अगले सत्र में विद्यार्थियों को शुल्क जमा करने में कठिनाई आएगी, इसलिए अभाविप उत्तर प्रदेश सरकार से आग्रह करता है कि अगले सत्र में विद्यार्थियों से अन्य मदों पर किसी भी तरह की फीस को ना लिया जाए और ट्यूशन फीस को लेकर आर्थिक बोझ ना पड़े इसका उपाय सरकार को करना चाहिए
9. जिन परीक्षाओं में ग्रेड मिलता है ऐसे विषयों के विद्यार्थियों को भी स्पेशल कैरी ओवर दिया जाए व बाद में इनकी परीक्षा संपन्न कराई जाए
10. जो छात्र अभी हॉटस्पॉट में हैं उनके लिए सप्लीमेंट्री पेपर की व्यवस्था कर सकते हैं
11. ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों का परीक्षा विकल्प छात्रों के समक्ष रखा जाए
12. जहां ऑनलाइन वह अन्य विकल्प उपलब्ध ना हो वहां पर मजबूरी वश पारंपरिक परीक्षा प्रणाली को अपनाना पड़ेगा ऐसी स्थिति में परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जा सकती है इसके लिए इंटर कॉलेजों का उपयोग किया जा सकता है जिससे देहिक दूरी बनाकर परीक्षा करा सकते हैं
13. जिन विश्वविद्यालयों में लॉकडाउन के समय शिक्षण कार्य चल रहा था उन विश्वविद्यालयों को परीक्षा के पूर्व स्पेशल ऑनलाइन क्लास के द्वारा पढ़ाई पूरी करवाई जाए ताकि विद्यार्थी अपने पूरे कोर्स को पढ़ सके
14. यूजीसी, एमएचआरडी और अन्य शैक्षणिक संस्थाओं की गाइड लाइन के अनुसार अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा विभिन्न विकल्पों के आधार पर संपन्न करवाई जाए| अभाविप इसका समर्थन करती है 15. वर्तमान स्थिति को देखते हुए डेलीकेसी में रहने वाले विद्यार्थियों के सामने रहने का संकट खड़ा है कि शायद जब अपने घरों से वापस लौटे हैं तो उनको रहने का स्थान उपलब्ध ना हो
उपरोक्त सुझाव प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के छात्रों से बहुत चर्चा के बाद तैयार किए गए हैA अभाविप उत्तर प्रदेश सरकार और सभी विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह करती हैं कि परीक्षा के विभिन्न विकल्पों को छात्रहित में ध्यान में रखते हुए परीक्षा संपन्न कराई जाएं ।

 

अलीगढ़ से संवाददाता
अक्षय कुमार गुप्ता
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